चाची की आग तो बुझा दे

अब मेरे पास कृत्रिम रूप से अपनी जवानी की आग को शांत करने के अलावा और कोई दूसरा साधन न था। मैं छुप-छुपकर कृत्रिम साधनों से अपनी कामाग्नि को शांत करने की कोशिश करती। योनि में कभी लम्बे वाले बैंगन डाल कर अपनी कामाग्नि को शांत करती तो कभी आधी-आधी रात को उठकर नहाती तब … Read more